Bombay High Court Statement on Indrani Mukerjea Case: शीना बोरा हत्याकांड के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसले में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका खारिज कर दी है। सीबीआई ने नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री सीरीज “द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीएड ट्रुथ” के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की थी। इस फैसले के विभिन्न पहलुओं और इसके दूरगामी प्रभावों को समझने के लिए आइए हम इस मामले में गहराई से जाएं।
मामला और सीबीआई की याचिका
2012 में शीना बोरा की हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी को उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई इस जटिल मामले की जांच कर रही है।
फरवरी 2023 में, नेटफ्लिक्स ने “द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीएड ट्रुथ” शीर्षक से एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज रिलीज़ करने की घोषणा की। यह सीरीज इंद्राणी मुखर्जी और शीना बोरा के रिश्ते, हत्या के मामले और उसके आसपास की घटनाओं को गहराई से दर्शाती है।
सीबीआई को आशंका थी कि यह डॉक्यूमेंट्री सीरीज पूर्वाग्रही है और मुकदमे के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन करती है। इसलिए, सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया और इस सीरीज के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की।
Bombay High Court Statement on Indrani Mukerjea Case: हाईकोर्ट का फैसला और तर्क
Bombay High Court Statement on Indrani Mukerjea Case: 22 फरवरी, 2023 को, बॉम्बे हाईकोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने सीबीआई के इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि उसने डॉक्यूमेंट्री सीरीज देखी है और इसमें ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया जो अभियोजन पक्ष के खिलाफ जाता हो।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मीडिया को चल रहे मामलों पर रिपोर्ट करने और चर्चा करने की स्वतंत्रता है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के तहत आता है। अदालत ने कहा कि इस अधिकार को रोका नहीं जा सकता, क्योंकि मीडिया परीक्षण और चल रहे मामलों पर बहस कोई नई बात नहीं है।
NEWS | Bombay High Court has dismissed the plea by the Central Bureau of Investigation which sought a stay on the release of the docuseries by #Netflix on Indrani Mukerjea, the prime accused in the Sheena Bora murder case. #IndraniMukerjea #BombayHC @NetflixIndia pic.twitter.com/5qfrx2QPdU
— GPlus (@guwahatiplus) February 29, 2024
बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि अभी तक अभियोजन पक्ष के किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा है कि सीरीज में कुछ भी ऐसा है जो उनके पक्ष के खिलाफ जाता है।
फैसले के निहितार्थ
Bombay High Court Statement on Indrani Mukerjea Case: बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के बीच एक महत्वपूर्ण संतुलन बनाता है। यह फैसला मीडिया को चल रहे मामलों पर रिपोर्ट करने की स्वतंत्रता को बरकरार रखता है, लेकिन यह भी स्पष्ट करता है कि इस स्वतंत्रता की सीमाएँ हैं। मीडिया रिपोर्टिंग निष्पक्ष और सटीक होनी चाहिए, और किसी भी प्रकार से पूर्वाग्रही या भड़काऊ नहीं होनी चाहिए।
इस फैसले के कुछ व्यापक निहितार्थ इस प्रकार हैं:
- मीडिया को चल रहे मामलों पर रिपोर्ट करने की स्वतंत्रता है, लेकिन ये रिपोर्ट निष्पक्ष और सटीक होनी चाहिए।
- मीडिया रिपोर्ट जो पूर्वाग्रही या भड़काऊ होती हैं, वे निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन कर सकती हैं। यह अदालत का निर्णय होगा कि क्या कोई विशेष रिपोर्ट इस अधिकार का उल्लंघन करती है।